Diwali Puja 2023 दिवाली पूजा के लिए सामग्री, पूजा विधि और लक्ष्मी पूजन की आरती की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ से देखे

Diwali Puja 2023: इस साल दिवाली का त्योहार 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा । हिन्दू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को पूरे देश मे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । दिवाली के त्योहार पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्त्व होता है । दिवाली पर पूरे घर को रंगबिरंगी लाइटों और मिट्टी के दीयों को जलाकर सजाया जाता है ।

Diwali Puja 2023
Diwali Puja 2023

हर वर्ष दिवाली का त्योहार 5 दिनों तक बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । धनतेरस से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है और भाई दूज तक चलता है । इस साल धनतेरस 10 नवंबर को, छोटी दिवाली 11 नवंबर को, दिवाली 12 नवंबर को, गोवर्धन पूजा 13 नवंबर और भाई दूज 14 नवंबर को मनाई जाएगी । आज हम इस आर्टिकल मे आपको दिवाली की पूजा सामग्री, दिवाली की पूजा विधि और दिवाली पूजन की आरती के बारे मे बता रहे है…

Diwali Puja Samagri लक्ष्मी पूजन के लिए क्या-क्या सामान चाहिए

दिवाली पूजा सामग्री: धूप,दीप, रोली, कुमकुम, अक्षत, हल्दी, सिंदूर, केसर, कपूर, कवाला, दुर्वा, फल, फूल, गन्ना जनेऊ, पान का पत्ता, गुलाब और चंदन का इत्र, कमल गट्टे की माला, शंख, चांदी का सिक्का,  आम का पत्ता, गंगाजल, आसन, चौकी, काजल, हवन सामग्री,फूलों की माला, नारियल, लौंग, इलायची, वस्त्र, रुई,शहद, दही, गुड़, धनिया के बीज, पंचामृत, खील-बताशे, पंच मेवा, मिठाई, सरसों का तेल या घी, मिट्टी का दिया और केले का पत्ता समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित कर लें।

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Diwali Puja Vidhi लक्ष्मी पूजा विधि (Lakshmi Puja Vidhi)

दीवाली की पूजा विधि: दिवाली की पूजा के लिए घर के ईशान कोण या उत्तर दिशा में एक चौकी रखे और इस पर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर चौकी के मध्य मे कुछ चावल के दाने रखे । इसके बाद इन चावलों के दानों के बीच एक कलश रखे । कलश चाहे आप मिट्टी का, तांबा या पीतल का या फिर चांदी का कलश भी इस्तेमाल कर सकते है । अब गंगाजल मे पानी मिलाकर कलश को जल से भरे और उसमे फूल, चावल के कुछ दाने, चांदी का सिक्का और एक सुपारी रखे । अब कलश के मुख को पाँच आम के पत्तों से ढक दे ।

अब गंगाजल मे पानी मिलाकर गणेश जी को और लक्ष्मी जी को स्नान कराए । अब लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर बैठायें । अब लक्ष्मी-गणेश जी को गुलाब या कमल का फूल, वस्त्र, गुलाब और चंदन का इत्र चढ़ाएं । अब लक्ष्मी-गणेश जी के सामने पूजा की सभी सामग्रियाँ, फल, मिठाइयां और नोट या सिक्के चढ़ाएं । इसके बाद लक्ष्मी-गणेश की विधिवत पूजा प्रारंभ करे ।

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पूजा के दौरान कमल गट्टे की माला से मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती उतारें। मां लक्ष्मी और गणेश जी के समक्ष दक्षिणा चढ़ाएं और पूजा के बाद मंदिर में दान कर दें। पूजा समाप्ति के बाद एक बार फिर से उनकी आरती उतारें और पूजा में हुए गलती की क्षमा मांग लें। दिवाली पूजा में आप सिंघाड़ा, अनार,नारियल, पान का पत्ता, हलुआ और मखाने का भोग लगा सकते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी को सफेद और गुलाबी रंग की मिठाई चढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही गणेश जी को मोतीचूर या बेसन के लड्डू और पीले मोदक का भोग लगा सकते हैं।

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इन मंत्रों का करें जाप

लक्ष्मीजी का बीज मंत्र- ऊँ हीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः

गणेश जी का बीज मंत्र: ऊँ गं गणपतये नमः

Diwali Puja Arti 2023

लक्ष्मी पूजा की आरती

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

गणेश पूजन की आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एकदंत दयावंत चारभुजाधारी। 
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंघे को आंख देत, कोढ़िन को काया। 
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजै सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। 

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